थोड़ी सी खुशी...*
*Beautiful Poem !!!!*
*बहुत दिन बाद पकड़ में आई...*
*थोड़ी सी खुशी...*
*तो पूछा ?*
*"कहाँ रहती हो आजकल.... ?*
*ज्यादा मिलती नहीं..?"*
*"यही तो हूँ"*
*जवाब मिला।*
*बहुत भाव खाती हो खुशी ?..*
*कुछ सीखो*
*अपनी बहन से...*
*हर दूसरे दिन आती है*
*हमसे मिलने..* *"परेशानी"।*
*"आती तो मैं भी हूं...*
*पर आप ध्यान नही देते"।*
*"अच्छा...? कहाँ थी तुम जब पड़ोसीने नई गाड़ी ली ?*
*और तब कहाँ थी जब रिश्तेदार ने बड़ा घर बनाया?"*
*शिकायत होंठो पे थी कि.....*
*उसने टोक दिया बीच में.*
*"मैं रहती हूँ..…*
*कभी आपकी बच्चे की किलकारियो में,*
*कभी रास्ते मे मिल जाती हूँ ..*
*एक दोस्त के रूप में,*
*कभी ...*
*एक अच्छी फिल्म देखने में,*
*कभी...*
*गुम कर मिली हुई किसी चीज़ में,*
*कभी...*
*घरवालों की परवाह में,*
*कभी ...*
*मानसून की पहली बारिश में,*
*कभी...*
*कोई गाना सुनने में,*
*दरअसल...*
*थोड़ा थोड़ा बाँट देती हूँ,*
*खुद को*
*छोटे छोटे पलों में....*
*उनके अहसासों में।*💒💐
*लगता है चश्मे का नंबर बढ़ गया है आपका...!*
*सिर्फ बड़ी चीज़ो में ही ढूंढते हो मुझे.....!!!*
*खैर...*
*अब तो पता मालूम हो गया ना मेरा...?*
*ढूंढ लेना मुझे आसानी से अब छोटी छोटी बातों में..."*
😊😊
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